Akbar and Birbal Hindi Story - अकबर बीरबल की मजेदार कहानियाँ

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Akbar and Birbal Hindi Story - अकबर बीरबल की 5 मजेदार कहानियाँ

Read 5 interesting Akbar and Birbal Hindi Story only on allbca . Story titles are as follows: 1.हर वक्त कौन चलता रहता है, 2.बैल का दूध, 3.जूतों के मारे खड़े हैं, 4.थोड़ी बहुत, 5.घटाने की अजब विधि |

1. हर वक्त कौन चलता रहता है? : Akbar and Birbal Hindi Story

एक दिन बादशाह ने अपने दरबारियों से पूछा कि, हर वक्त कौन चलता रहता है ?

उत्तर में किसी ने सूर्य बोला तो किसी ने पृथ्वी तथा इसी तरह किसी ने चन्द्रमा आदि को बताया। बादशाह ने जब बीरबल से पूछा, तो उन्होंने उत्तर दिया कि, आलीजहाँ महाजन(बनिए) का ब्याज (सूद) हर वक्त चलता रहता है।

इसे कभी थकावट नहीं होती। दिन दूना रात चौगुना वेग के साथ चलता रहता है। बादशाह को यह उत्तर बहुत ही अच्छा लगा और पसन्द आया ।
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2. बैल का दूध : Akbar and Birbal Hindi Story

एक समय बादशाह ने बीरबल से कहा कि मुझे बैल का दूध ला दो । बीरबल ने कहा की म दूध लाने का प्रयत्न करूँगा। इसमें कम से कम चार या छ: दिन अवश्य लगेंगे।

बादशाह बोले चार छ: दिन के बजाय आठ या दस दिन ही क्यों न लग जाये, लेकिन दूध मिल जाना चाहिए। क्योंकि एक प्रसिद्ध वैद्य ने मुझे एक दवा दी है जो बैल के दूध के साथ प्रयोग होगी ।

बीरवल घर आए और अपनी लड़की से सब हाल कहां और ये भी कहा कि आधी रात को महल के नीचे वाले घाट पर कपड़े पीटना सुरु कर देना और कारण पूछने पर किसी को मत बताना, जब तक बादशाह न पूछे। इसके सिवा और भी सब कुछ बता दिया।

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अगले दिन बीरबल की लड़की ने अर्ध रात्री में घर के फटे पुराने कपड़ों को बादशाह के शयन गृह के ठीक पास वाले घाट पर जाकर उन कपड़ों को पानी में भिगोकर, पत्थर पर पीटना शुरू कर दिया। इससे बादशाह की निद्रा भंग हो गई। उन्हें बड़ा क्रोध आया ।

एक सिपाही को बुलाकर उस को पकड़ लाने को कहा। एक सिपाही घाट के पास पहुंचा तो क्या देखता है कि एक 15-18 साल की सुन्दर लड़की कपड़े धो रही है।

सिपाही ने उस युवती से ऐसा करने का कारण पूछा और बादशाह के सामने हाजिर होने के लिए कहा। परन्तु युवती ने सिपाही की बात सुनी-अनसुनी कर दी और पूर्ववत ही अपने काम में मस्त रही ।

सिपाही झुंझला उठा और कहा कि अर्ध रात्रि में उत्पात मचा कर वादशाह की नीद हराम की और अब उनकी आज्ञा भंग कर रही हो ।

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भलाई तो इसमें है कि हमारे साथ बादशाह के सामने चलो। बीरबल की लड़की तो यही चाहती थी, वह सिपाही के साथ चल पड़ी। थोड़ी देर बाद वह बादशाह के सामने पहुँची।

बादशाह आधी रात को इस परम सुन्दरी को देखकर आश्चर्य चकित रह गए। फिर अपनी भावमुद्रा छिपा नाराजगी प्रकट करते हुए बोले इतनी रात कपड़े धोने की क्या वजह है ? तुम कौन हो और कहाँ रहती हो।

बादशाह की जबान क्रोध से काँप रही थी। उन का सारा शरीर रक्त वर्ण हो चला था।

युवती ने घबराहट पूर्ण स्वर में उत्तर दिया कि जहाँपना मैं लाचार होकर इतनी देर से यहाँ आई हूँ।

कहते-कहते बादशाह के तमतमाए हुए चेहरे को देखकर युवती का धैर्य जाता रहा और लड़खड़ाती हुई जबान में आगे और भी कुछ कहना चाहती थी किन्तु बादशाह ने उसे ढाढस पूर्ण शब्दों में विश्वास दिलाया कि सब बात बतला देने से तुम दण्ड मुक्त हो जाओगी ।

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यह सुन युवती ने कहना शुरू किया कि आज प्रात: काल मेरे पिता के लड़का हुआ। दिन भर तो कामों में उलझी रही और अब जरा आराम लेने का समय मिला तो ख्याल आया कि कल साफ कपड़ों की जरूरत पड़ेगी।

घर में और कोई न होने की वजह से कपड़े धोने लाई हूँ। इन्हें कल काम में लूँगी ।

युवती का उत्तर सुनकर बादशाह चकित हुए और बोले- तुम क्या कह रही हो, क्या कभी पुरुष के कभी पुत्र पैदा हुआ है ?

युवती ने उपयुक अवसर जान कर बोला कि, "जब बैल का दूध मिलना सम्भव है तो पुरुष के बच्चा पैदा होना क्यों असम्भव है"।

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अब बादशाह को अपनी बात का स्मरण हुआ और वे लड़की से बोले की क्या तुम बीरबल की पुत्री हो ?
वह चुप रही । मौन सम्मति लक्षण है ।

बादशाह समझ गए कि यह बीरबल की बुद्धिमानी है। लेकिन बोले तुम्हें ऐसा करने की अनुमति किसने दी?

युवती बोली- "श्रीमान् ! पिताजी की आज्ञा से ही मैंने ऐसा किया है"। बादशाह बहुत खुश हुए उसे धन दे पालकी पर बिठाकर रातों रात उसके घर पहुंचा दिया।

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3. जूतों के मारे खड़े हैं! : Akbar and Birbal Hindi Story

एक दिन बादशाह व बीरबल अपने दरबारियों के साथ मन बहलाने शहर के बाहर किसी गाँव में चले गए । जहाँ शाही इमादत बनी हुई थी, वहाँ ठहर गए । शाम को लौटने लगे तो बादशाह का जूता किसी ने गुम कर दिया ।

बादशाह नौकरों सहित तलाश में लग गये । इसी बीच में बीरबल व फैजी दोनों ही कुछ दूर रास्ते में आ गये। रास्ते में फैजी ने कहा कि बीरबल बादशाह का इन्तजार करलो वे क्या कर रहे हैं ? बीरबल ने उत्तर दिया कि बादशाह बेचारे जूतों के मारे खड़े हैं ।

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बीरबल की बात उसकी समझ में न आई। क्योंकि बादशाह के जूते चोरी किये जाने की खबर इसे पता न थी। इसने सोचा कि हँसी कर रहा है । बीरबल ने इधर यह चालाकी करी थी कि, बादशाह का जूता फैजी के कपड़ों से बँधवा दिया था।

जब सब जगह खोज हो गई तो, सब कपड़े लत्ते एक-एक कर के देखने लगे। जब फैजी के कपडे देखे गए तो, उसमें से जूते मिल गये ।

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अब तो बीरबल को फैजी को पागल बनाने का खूब अवसर मिला। रह-रह कर एक दो बात बोल देने से फैजी परेशान थे। उसके बाद फैजी बीरबल को निचा दिखने का सोचने लगा। फैजी उस समाय स्वयं इस दशा में था कि जबान से एक शब्द न निकलता था।

कुछ समय बाद फैजी ने बीरबल की बात को याद दिला कर बादशाह को कहा कि,आपने इसको इतना मुँह लगा लिया है की जिसका यह नतीजा है कि जो कुछ मन में आता है, अंट-संट बोल देता है । यह कह कर वही वाक्या दोहरा दिया (बादशाह बेचारेजूतों के मारे खड़े हैं) ।

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बादशाह ने इसमें अपना अपमान समझा । वे बड़े नाखुश थे। तुरन्त ही बीरबल को बुलाकर उससे यह बोलने का कारण पूछा? तो बीरबल ने नम्रता पूर्वक कहा जहाँपनाह! मैंने कोई ऐसी अपमानजनक बात तो कही नहीं।

फैजी ने मुझ से पूछा था, कि बादशाह क्यों नहीं चल रहे हैं ? मैंने उत्तर दिया की बेचारे बादशाह जूते के मारे खड़े हैं, जो की खो गया है। उसे खोजने में परेशान हो गये हैं।

जूता चुराने वाला दूसरा ही कोई था। परेशान किसी दूसरे ने किया और कोप भाजन मैं बन रहा हूँ। दयानिधे ! जरा न्याय की द्रष्टि से देखिये मैंने तो स्वाभावत: ऐसी बात कही थी उसमें छल कपट बिल्कुल न था ।

सब बीरबल की बात सुनकर हँस पड़े।

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4. थोड़ी बहुत!

एक दफा बीरबल के साथ उनकी लड़की जिसकी आयु लगभग 7-9 साल थी, बादशाह का दरबार देखने गई। बादशाह लड़की को देखकर खुश हुए हँसकर बोले-बेटी ! थोड़ी बहुत बातें करना जानती हो?

लड़की ने नम्रता पूर्वक उत्तर दिया कि कुछ बातें कर लेती हूँ। बादशाह लड़की के उत्तर से प्रसन्न तो हुए, लेकिन बात का सिलसिला जारी रखने के लिये पुनः बोले कि बेटी ! थोड़ी बहुत बात का क्या मतलब है ।

लड़की ने बादशाह की ओर एक बार देखकर नीचे गर्दन कर ली, परन्तु अपने पास ही बैठे हुए छोटे बच्चे को गोद में लेकर प्यार करने लगी। बादशाह ने समझ लिया लड़की उत्तर न दे सकेगी।

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तब वह बीरबल से बोले कि तुम अक्सर इस लड़की की प्रशंसा के पुल बाँधते थे, कि वह उत्तर देने में बड़ी प्रवीण है । आज परीक्षा हो गई यह भी साबित हो गया कि तुम व्यर्थ ही प्रशंसा के पूल बाँधा करते हो।

बीरबल समझ गए कि लड़की का संकेत बादशाह की समझ में न आया । तब समझा कर कहा कि जहाँपनाह लड़की ने तो आपके प्रश्न का उत्तर दे दिया फिर भी आप क्यों खफा हो रहे हैं ।

बादशाह बोले की, किस तरह तब बीरबल ने कहा कि लड़की ने प्रथम आपकी ओर देखा तत्पश्चात गर्दन नीचे कर ली। इसका मतलब यह कि आप मुझसे सयाने(बड़े) हैं। इसलिए आप से तो मैं थोड़ी ही बात करूँगी ।

उसके बाद लड़की ने छोटे बच्चे को गोद में ले कर प्यार किया, उसका मतलब यह था कि मुझसे जो छोटे हैं उनसे ज्यादा बात करूँगी ।

लड़की ने संकेत मात्र से ही उत्तर दे दिया था । बादशाह इस उत्तर से बहुत सन्तुष्ट हुए और लड़की की बुद्धिमता की प्रशंसा की।

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5. घटाने की अजब विधि!

एक बार बादशाह अकबर ने बीरबल से उनके हिसाब सम्बन्धी योग्यता की तारीफ सुनकर यह प्रश्न किया कि बारह में से चार गए तो कितने बचे। बीरबल ने तुरन्त उत्तर दिया 'खाक'।

यह सुनकर बादशाह ने पुनः स्पष्ट समझाने को कहा कि कैसे ?

बीरबल बोला- साल में बारह महीने होते हैं, उन बारह में से चार महीने वर्षा के मौसम के निकाल दे, तो खाक ही तो बचता है। बादशाह इस उत्तर पर एक दम से हँस पड़े।





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